Wednesday 23 October 2013

जहरीली बूँदें (भाग:2)

अब तक आप सबने पढ़ा कि, कैसे "क्रांतिकारी भाई' और "दबंग औरत" अपने टीम की एक सदस्य "पहाड़ी आदिवासी लड़की" को बेसुध और लाचार हालत में "धर्मनिरपेक्ष अपराधी" के घर अकेले छोड़ आते हैं. अब आगे.... ***************** रात में "पहाड़ी आदिवासी लड़की" की तब आँख खुली तो उसने पाया कि उसके साथ बलात्कार किया जा रहा था. वह दर्द, अपमान और गुस्से से रोने लगी. उसने छूटने की कोशिश की, लेकिन उसके हाथ-पैर सुन्न पड़े थे. ड्रिंक्स में कोई दवा मिले रहने के कारण वह शारीरिक विरोध में असमर्थ थी.
फिर उस रात जब सारी इंसानियत अपना भरोसा खो चुकी थी, तब उस "पहाड़ी आदिवासी लड़की" के साथ द्विपक्षीय बलात्कार किया गया. वह बार बार बेहोश होती रही. और जब भी उसे होश आता वो खुद को उसी दर्द और अपमान की स्थिति में पाती. उसके दिमाग में बस एक ही सवाल गूँज रही थी; "मेरे टीम के लोग मुझे अकेला छोड़ कर कहाँ चले गये." यह दर्द उसे और भी अंदर ही अंदर मारे जा रही था. सुबह जब उसकी आंख खुली तो उसने अपने साथ बिस्तर में "धर्मनिरपेक्ष अपराधी" को पाया. धर्मनिरपेक्ष अपराधी: "अपने कपड़े पहन लो, काम वाली बाई आती होगी." फिर वह चला गया. "पहाड़ी आदिवासी लड़की" का सर अब भी घूम रहा था. एक बार फिर वह सो गयी. फिर जब दुबारा जागती है तो किसी तरह उठकर दूसरे कमरे में जाकर सोफे पर बैठ जाती है. काम वाली बाई के जाने के बाद "धर्मनिरपेक्ष अपराधी" आकर फिर उसे नोचने खसोटने लगता है. "पहाड़ी आदिवासी लड़की" उसके अंग को नोच देना चाहती है, पर उसके हाथों में इतनी भी शक्ति नहीं बची थी. "धर्मीनिरपेक्ष अपराधी" नहाने चला जाता है, तब वह 'दबंग औरत' को फोन करती है और कहती है की वह आकर उससे कुछ बात करेगी. कुछ ही देर में 'धर्मनिरपेक्ष अपराधी' का ड्राइवर आता है, और वह 'धर्मनिरपेक्ष अपराधी' के साथ 'पहाड़ी आदिवासी लड़की' को 'दबंग औरत' के फ्लैट पर छोड़ने जाता है. 'धर्मनिरपेक्ष अपराधी' रास्ते में ही उतर जाता है. 'पहाड़ी आदिवासी लड़की' को रास्ते प्भर ऊल्टी होती है. फिर ड्राइवर उसे ' दबंग औरत' के फ्लैट के पास छोड़कर चला जाता है. 'पहाड़ी आदिवासी लड़की' जो कि, हर इंसान पर से अपना विश्वास खो चुकी थी, हर एक उस इंसान का चेहरा देखना चाहती थी, जो रात को उसे शिकार होने के लिये अकेले छोड़ आये थे. चलने में बेहद तकलीफ के बावजूद वह एकदम धीरे-धीरे 'दबंग औरत' के फ्लैट की सीढियाँ चढ़ती है. ............. क्रमशः (अगले दो भागों में समाप्त)

1 comment:

  1. Sach Sach hi rehta hai jhoot se saaye use kuchh der ke liye chhupa jaroor sakte hain mita nahi sakte.

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